Written by → Ritesh Gupta यात्रा दिनांक 26जून2014 और 27जून2014
दार्जीलिंग (Darjeeling) ठंडक और शीतलता अहसास; शांति का अनुभव ! प्रकृति से मुलाकात । हम लोग इस नगर में भ्रमण करते हुए यही सब महसूस कर रहे थे । इस नगर की आवोहवा और प्राकृतिक सुन्दरता अपने आप में ही निराली है तभी तो पर्वतीय नगर दार्जिलिंग के किसी भी कोने से दिखने वाला नजारा अपने आप में अनुपम होता है, साथ ही साथ मस्तिष्क पटल पर एक अमिट छाप छोड़ देता है । देर न करते हुए, अब आपको भी ले चलते दार्जीलिंग से कंचनजंघा पर्वत के दर्शन के साथ शहर के कुछ और स्थानीय स्थलों की सैर पर -
Mount Kanchenjunga from Tiger Hill (कंचनजंघा पर्वत का नजारा टाइगर हिल से )
दार्जीलिंग कुछ पर्यटक स्थल जैसे चाय बगान (Tea Garden), तेनजिंग रॉक (Tenzing Rock HMI, दार्जीलिंग उड़नखटोले (Darjeeling Roapway Cable Car) , सेंट जोसेफ स्कूल (Famous St. Joseph's School of Darjeeling), जापानी बौद्ध मंदिर (Japanese Buddha Temple) और शांति स्तूप (Peace Pagoda) का भ्रमण करने के बाद हमारे कार के ड्राइवर ने हमारे कहे अनुसार हम लोगो को मॉल रोड से आधा किलोमीटर दूर छोड़ दिया , क्योकि शाम के समय मॉल रोड पर बड़ी गाड़ियों का प्रवेश निषिद्ध रहता है ।
प्रतिदिन की भांति पूरब से पश्चिम चलायमान सूरज का अब अस्त होने का समय हो गया था, धीरे-धीरे प्राकृतिक रौशनी कम होने लगी तो बाज़ार और होटलो में कृत्रिम रौशनी जगमगाने लगी । हम लोग माँल रोड की तरफ चलायमान थे, तभी सडक किनारे भुट्टे सिकते हुए नजर आये तो जीभ की लालसा को समाप्त करते हुए छाँट-छांटकर अच्छे भुट्टे सिंकवा लिए और रास्ते की थकान को मिटाने के लिए एक जगह बैठ कर कुछ देर युही ही ठंडी आवोहवा में भुट्टो का आनंद सभी साथी लोगो ने लिया ।
कुछ देर बाद टहलते हुए मॉल रोड चोरास्ता The Mall Chowrastha पहुँच गये । ये दार्जीलिंग में काफी ऊंचाई पर एक खुली हुई समतल जगह, जहाँ से खूबसूरत शहर और घाटियों का नजारा नजर आता है । शाम के सात बजे के आस-पास हम लोग यहाँ पर पहुँच गये थे और ये माँल रोड अन्धकार में डूब चुका था । इस मॉल रोड पर कई छोटे-बड़े होटल और रेस्तरा है, एक बाजार भी मॉल रोड के समीप है पर व् आज गुरुवार की साप्ताहिक बंदी के कारण बंद पड़ा था । खैर हम लोग तो वही एक बेंच पर बैठ गये और साथ की महिला टीम पानी के टिक्की खाने चले गये । वैसे इस शहर का बाजार भी गंगटोक के बाजार की तरह ठीक आठ बजे बंद हो जाता है । अब हम लोगो को जरूरत थी, रात का खाना खाने के एक अच्छे और शाकाहारी रेस्तरा की । मॉल रोड की तरफ आते समय ही हम लोगो ने एक हेस्टी-टेस्टी (Hesty-Testy) नाम रेस्तरा को खाना खाने के चुन लिया था और ये यहाँ का मशहूर शाकाहारी रेस्तरा भी है । सो मॉल रोड से जल्दी से सब लोगो को इधर-उधर से एकत्रित कर उसी रेस्तरा में पहुँच गये, पर ये क्या ! यहाँ पर काफी भीड़ और नम्बर लगे हुए थे । खैर हम लोगो ने भी दो टेबिल के लिए नम्बर दिया, आठ बजने से पहले हमारा नम्बर आ गया और हम लोगो के अंदर प्रवेश करते ही शटर गिरा दिया । अपने आर्डर के हिसाब से खाना मंगवा गया, खाना स्वादिष्ट था, सो मन भरकर खाया ।
अब हम लोगो को रेलवे स्टेशन के पास स्थित अपने होटल जाने का रास्ता नहीं पता था सो गूगल मेप की साहयता ली गयी और पैदल ही टहलते हुए सुनसान गलियों से अपनी मंजिल की ओर अग्रसर हो गये । इस समय दार्जीलिंग की गलियां सन्नाटे में थी जैसे कि सारा शहर नौ बजे ही सो गया हो । रास्ते में तिराहे पर बड़ी घड़ी (Capital Clock Tower) नजर आई जो शायद किसी फिल्म में में हम लोग देख चुके था । अरे हां ! रणवीर कपूर और प्रियंका चोपड़ा वाली फिल्म "बर्फी" में । खैर टहलते हुए आखिरकार हम लोग स्टेशन के समीप स्थित होटल पहुँच ही गये । होटल पहुँचने के बाद टैक्सी ड्राइवर से कल "टाइगर हिल" जाने के लिए फोन किया तो उसने कहा की आप लोग सुबह तीन बजे तैयार रहिये मै आप लोगो को लेने पहुँच जाऊँगा । चलो अब सुबह जाने के लिए टैक्सी का प्रबंध हो गया पर दिन-भर के भाग-दौड़ अब मन और शरीर दोनो पर हावी हो रही थी, सो बिस्तर में जाते ही नींद ने अपने आगोश में ले लिया ।
सुबह तीन बजे टैक्सी ड्राइवर का फोन आया तो बाहर मुसलाधार बारिश हो रही थी और वो पूछ रहा की सर जी ! बारिश बहुत तेज है, क्या आप लोग चलने के लिए तैयार है । मैंने सोचा बच्चे साथ में है और ऐसी तेज बारिश में निकलना सुरक्षा की लिहाज से सही भी नहीं है तो हमने उसे मना कर दिया पर एक कशिश सी मन में रह गयी की क्या बारिश के वजह से हमारा ये आज का दिन बेकार चला जायेगा । ऐसा सोचते-सोचते कब नींद आ गयी पता ही नही चला । सुबह पांच बजे के आसपास किसी आवाज से नींद टूटी तो मालूम पड़ा की बारिश बंद हो गयी है । खिड़की खोलकर देखा तो अब हल्का-फुल्का मौसम भी खुल गया था और एक नई सुबह की शुरुआत हो चुकी थी । मेरे मन में आया क्यों न इस समय ही घूमने के लिए निकला जाए, सभी को जल्दी से तैयार होने के कहकर, टैक्सी ड्राइवर को चलने के लिए फोन किया । ड्राइवर ने कहा की आप लोग आधा घंटे में तैयार हो जाइए मैं अपनी गाड़ी लेकर होटल के नीचे स्थित पेट्रोल पम्प के पास पहुँच रहा हूँ ।
आधा घंटा में हम लोग नहा-धोकर फटाफट से तैयार हो गये और होटल से नीचे आ गये । टैक्सी वाला दोनों गाड़ी के साथ हमारा इंतजार कर रहा था । गाड़ी में सवार होकर हम लोग अपनी मंजिल टाइगर हिल को चल दिए । तेज बारिश के कारण सारा शहर धुला हुआ सा था, हरियाली अपने चरम पर थी । कुछ मिनटों के सफ़र के बाद "घूम" के रास्ते से टाइगर हिल के तलहटी तक पहुँच गये, अब शुरू हुआ अत्यधिक चढ़ाई वाला रास्ता । टाइगर हिल पर जाने से पहले एक टोल पर ग्रीन टैक्स के रूप में प्रति व्यक्ति दस रूपये का टिकिट थमा दिया गया । खैर यहाँ से आगे बेहद ही घुमावदार और चढ़ाई वाला रास्ता शुरू हो गया, काफी ऊंचाई पर आने के बाद कुछ पल के लिए एक जगह से पेड़-पौधों बीच से खुले स्थान से अदभुत द्रश्य नजर आया । मुंह से निकला वाह ! क्या शानदार नजारा है पर्वतराज कंचनजंघा का । बारिश की इस मौसम में बादलो की आंख-मिचौली के बीच कंचनजंघा पर्वत अपने साथी पर्वतों साथ स्पष्ट नजर आ रहा था । कुछ ही देर चलने बाद हम लोग टाइगर हिल की मुख्य चोटी और दर्शनीय स्थल पर पहुँच गये । एक टाइगर हिल कारगिल कश्मीर में भी है, जहाँ पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान से युद्ध करके उस पर विजय प्राप्त की थी ।
टाइगर हिल → दार्जलिंग के "घूम" Ghoom नाम की जगह पर स्थित, शहर का उच्चतम और मुख्य दर्शनीय स्थल है । समुद्र तल से करीब 2570 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, ये स्थल दार्जलिंग शहर के रेलवे स्टेशन और मुख्य शहर से करीब 11 किमी० दूर स्थित है । टाइगर हिल सडक मार्ग से टैक्सी या दुपहिया वाहन की साहयता से जा सकते है और पैदल ट्रेक करके जाने के लिए एक रास्ता चोरास्ता आलुबरी टी स्टेट से होते हुए है, जो कुछ किमी० का है और दो से ढाई घंटे में टाइगर हिल की चोटी पर जाया जा सकता है । टाइगर हिल मुख्यत सम्पूर्ण कंचनजंघा पर्वत को स्पष्ट रूप से देखने और सूर्योदय के लिए प्रसिद्ध है। जब भौर के सूर्य की पहली सुनहरी किरण कंचनजंघा (Kanchenjungha) पर्वत पर पड़ती है तब प्रकृति के अदभुत द्रश्य का उदभव होता है । सम्पूर्ण कंचनजंघा पर्वत सुनहरा और संतरी रंग का नजर आता है, जैसे जैसे सूर्य आकाश में चढ़ता जाता है, पर्वत अपना रंग बदलता जाता है । यदि आकाश साफ तो कंचनजंघा के दाई तरफ महान माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) की चोटी के भी दर्शन हो जाते है ।
यहाँ का सूर्योदय देखने के लिए सुबह बहुत जल्दी ही निकल जाना चाहिए पर हम लोग तेज बारिश के कारण पहले से बहुत बिलम्ब से पहुंचे । खैर हमारे बिलम्ब से क्या ! सूर्यदेव तो उदय हो चुके थे सो हमे सूर्योदय का नजारा देखने को न मिला पर जो द्रश्य देखा उसे देखकर मन प्रसन्नचित्त हो गया । नजरो से बहुत दूर कंचनजंघा पर्वत स्पष्ट नजर आ रहा था पर मुख्य पर्वत की चोटी अब भी बादलो से खेल रही थी । ऐसा लग रहा था किसी ने एक बड़े से बर्फीले पर्वत की चित्रमाला दूर गगन में टांग दी हो । कंचनजंघा के दाई तरफ देखा तो एक चोटी और नजर आई । अरे वाह ! ये तो पर्वतों का सरताज माउंट एवरेस्ट है जो पहाड़ो की पीछे स्पष्ट नजर आ रहा था । हमारे ड्राइवर में बताया की आप बहुत सौभाग्शाली हो की आपको इस बारिश के मौसम कंचनजंघा नजर आ गया, वैसे ये करीब दो हफ्ते नजर ही नहीं आ रहा था । दार्जलिंग की सबसे अधिक ऊंचाई वाली जगह होने के कारण यहाँ से चारो तरफ (360 view) का विहंगम नजारा दिखाई देता है ।
टाइगर हिल पर काफी चौड़ा और खुली हुई जगह है और यहाँ पर एक ईमारत तीन मंजिल की ईमारत बनी हुई जिसे टाइगर हिल व्यू टावर (Tiger Hill View Tower) कहते है । इस टावर में चारो तरफ शीशे लगे हुए और ये आराम से बैठकर सूर्योदय देखने के लिए सरकार द्वारा बनबाया गया है । ये टावर सुबह के समय ही खुलता है और इसमें प्रत्येक मंजिल के हिसाब से प्रवेश के अलग-अलग शुक्ल देना होता है जो क्रमशः इस प्रकार है - भूतल का रूपये 20, प्रथम तल का रूपये 30 और सबसे उपर की मंजिल का रूपये 40 है । टावर से बाहर खुली जगह से देखने का कोई शुल्क नही है, सर्द हवा खाते हुए नजारों का आनंद लीजिये ।
चूँकि मौसम साफ था और ठंडी हवा चल रही थी पर हमे चारो तरफ का विहंगम और खूबसूरत नजारा देखने को मिल रहा था । बादलो के बीच सूरज की आंख-मिचौली अनवरत जारी थी, आकाश में बादलो से स्वर्णिम रंग के द्रश्य और दूर नजर आते धुंधले पहाड़ मनोरम द्रश्य प्रस्तुत कर रहे थे । काफी समय यहाँ पर व्यतीत किया हर तरफ से खूब फोटग्राफी की पर हमारे ड्राइवर ने और भी जगह पर चलने का हवाला देकर जल्दी से यहाँ से निकलने का प्रस्ताव दे दे डाला । प्रकृति के गोद में उपस्थित इस नजारे को छोड़कर जाने का मन तो नहीं था पर आज हमे जल्दी से और भी जगह अवलोकन करनी थी सो यहाँ से गाडी मैं बैठ चल दिए ।
अब आपके लिए प्रस्तुत है, इस यात्रा के दौरान खींचे गए कुछ चित्रों और चलचित्र का संकलन →
संध्याकालीन समय मॉल रोड चोरास्ता का खुला मैदान (The Mall Chowrasta, Darjeeling)
टाइगर हिल से कंचनजंघा पर्वत का नजारा (Mount Kanchenjungha from Tiger Hill, Darjeeling)
माउंट एवरेस्ट दिखाई देता टाइगर हिल से ( Mount Everest from Tiger Hill)
दार्जीलिंग के आसपास का खूबसूरत नजारा (A Beautiful view from Tiger Hill)
टाइगर हिल से कंचनजंघा पर्वत का नजारा (Mount Kanchenjungha from Tiger Hill, Darjeeling)
टाइगर हिल व्यू टावर (Tiger Hill View Tower)
दार्जीलिंग शहर टाइगर हिल से (Darjeeling City from Tiger Hill)
एक बुग्याल ( From Tiger Hill )
टाइगर हिल से कंचनजंघा पर्वत का नजारा (Mount Kanchenjungha from Tiger Hill, Darjeeling)
दार्जीलिंग के आसपास का खूबसूरत नजारा (!A Beautiful view from Tiger Hill)
दार्जीलिंग के आसपास का खूबसूरत नजारा (!A Beautiful view from Tiger Hill)
टाइगर हिल से कंचनजंघा पर्वत का नजारा (Mount Kanchenjungha from Tiger Hill, Darjeeling)
माउंट एवरेस्ट दिखाई देता टाइगर हिल से ( Mount Everest from Tiger Hill)
दार्जीलिंग के आसपास का खूबसूरत नजारा (!A Beautiful view from Tiger Hill)
इस पोस्ट लिए बस इतना ही,अब इस लेख को यही समाप्त करते है, अगले लेख में आप लोगो को ले चलेंगे दार्जिलिंग और भी अन्य खूबसूरत स्थलों की सैर पर ।आशा करता हूँ, आपको यह लेख पसंद आया होगा, यदि अच्छा लगे तो टिप्पणी के माध्यम से विवेचना जरुर करे। जल्द ही मिलते है, इस श्रृंखला के अगले लेख के साथ, तब तक के लिए आपका सभी का धन्यवाद !
अंत में आप सभी को अंग्रेजी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !
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क्या शानदार नजारा है पर्वतराज कंचनजंघा का । आपकी जगह मैं होता दार्जिलिंग में तो निश्चित रूप से मैं भी ऐसा ही कहता ! स्वतः ही निकलता है , इतने शानदार फोटो देखकर !
Wow...Nice description as usual and beautiful pics. You are really fortunate to have views of Mt. Kanchenjunga and Mt. Everest. Enjoyed the post thoroughly.
9 मार्च 17 को मैं वाइफ के साथ दार्जीलिंग,गंगटोक की यात्रा पर निकल रहा हूँ, आपसे बहुत सी जानकारियां चाहता हूँ । मेरा मोबाइल नं. 8804903792 है, कृपया फोन करें ।
अपने शादी की पहली सालगिरह मनाने दार्जिलिंग वह गंगटोक जाने की सोच रहे थे जानकारी लेने के क्रम में आपका ब्लाग पढा़ ,बहुत ही सुन्दर चित्रण व लेखनी ने आशंकाओं से घिरे मेरे मन में आत्मविश्वास जगा दिया है ।अपना अनुभव बांटने व हम जैसों के मार्ग दर्शन के लिए धन्यवाद ��
ब्लॉग पोस्ट पर आपके सुझावों और टिप्पणियों का सदैव स्वागत है | आपकी टिप्पणी हमारे लिए उत्साहबर्धन का काम करती है | कृपया अपनी बहुमूल्य टिप्पणी से लेख की समीक्षा कीजिये |
रितेश जी आपने बहुत ही सुंदर यात्रा कराई, विश्व की दूसरी सबसे ऊंची चोटी को देखना बड़ा ही अच्छा लगता होगा। फोटो तो कमाल के है ही।
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद सचिन भाई
Deleteबहुत सुंदर सर ,कंचनजंघा पर्वत के भी दर्शन करा दिए जिसके बारे में कभी भूगोल की किताबों में पढ़ा करते थे |
ReplyDeleteइससे पहले तो हमने भी किताबो में ही देखा था | शुक्रिया
DeleteAcha laga aap ki post pad k and photo to kamal k hai.
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद सचिन कुमार जी
Deleteबढ़िया। माउंट एवरेस्ट तक दिखा दिया आपने तो रितेश भाई।
ReplyDeleteधन्यवाद बीनू जी | हमको दिखा तो आपको भी दिखा दिया |
Deleteबहुत ही सुबसुरत दृश्य । मन प्रशन्न हो गया और माउन्ट एवरेस्ट तो लाजवाब रहा।
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार बुआ जी....
Deleteअद्भुत द्रशायवली,माउन्ट एवेरेस्ट और कंचनजंघा लाजवाब रहे।चाय बागान के इंतजार में
ReplyDeleteहर्षिता जी.... धन्यवाद | चाय बगान तो पिछले पोस्ट में आ गये है देखिये |
Deleteबहुत अच्छा लिखा है रितेश जी आपने । तस्वीरें तो आपकी हमेशा सुंदर होती हैं । आपसे काफी कुछ सीखना है।
ReplyDeleteनरेश जी....
Deleteबहुत बहुत शुक्रिया ....| हम मित्र है आपस में एक दूसरे से कुछ न कुछ तो सीखते ही रहते है |
पुरानी यादें ताजा हो गयी. हमे भी कंचनजंघा के दर्शन हुये थे, मगर बतासिया लूप से बहुत प्यारी फोटो आईं थी. बेहतरीन पोस्ट
ReplyDeleteधन्यवाद मुकेश जी..... | बतासिया लूप भी अच्छी जगह से कंचनजंघा दर्शन के लिए
Deleteतीन वर्ष पुरानी यादें ताजा हो गयी।
ReplyDeleteचलो अच्छा हुआ की फिर से याद ताजा हो गयी...
Deleteनए साल में दार्जीलिंग नगर की सैर कर ली बहुत अच्छा लगा नए साल में ...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteधन्यवाद कविता जी | आपको भी नव वर्ष की शुभकामनाये
Deleteबहुत रोचक चित्रमय यात्रा वृतांत...
ReplyDeleteधन्यवाद कैलाश जी |
Deleteक्या शानदार नजारा है पर्वतराज कंचनजंघा का । आपकी जगह मैं होता दार्जिलिंग में तो निश्चित रूप से मैं भी ऐसा ही कहता ! स्वतः ही निकलता है , इतने शानदार फोटो देखकर !
ReplyDeleteधन्यवाद योगी सारस्वत जी | जैसा नजारा हमे दिखा वैसा ही यहाँ परोस दिया |
Deletesundar varnan ..beautiful clicks ...
ReplyDeleteधन्यवाद कविता जी....
DeleteWow...Nice description as usual and beautiful pics. You are really fortunate to have views of Mt. Kanchenjunga and Mt. Everest. Enjoyed the post thoroughly.
ReplyDeleteThanks,
Thanks a Lot Mukesh Ji..... for beautiful comment
Deleteबेहद सुंदर पिक्चर और सुंदर वर्णन दोनों ने पोस्ट को बहुत खूबसूरत बना दिया है ।
ReplyDeleteधन्यवाद मधुलिका जी ..... पोस्ट को पसंद करने के लिए
DeleteRitesh ji,9march17 ko main wife ke sath darjeeling Gangtok ja raha hoon aap meri yatra ke liye meri madad kijiye plz
ReplyDelete9 मार्च 17 को मैं वाइफ के साथ दार्जीलिंग,गंगटोक की यात्रा पर निकल रहा हूँ, आपसे बहुत सी जानकारियां चाहता हूँ । मेरा मोबाइल नं. 8804903792 है, कृपया फोन करें ।
ReplyDeleteशुभकामनाये आपक सुरेश जी ...... दार्जिलिंग और गंगटोक बहुत सुन्दर जगह है, आपको अच्छा लगेगा...| please contact at my emmail id riteshagraup@gmail.com
Deleteअपने शादी की पहली सालगिरह मनाने दार्जिलिंग वह गंगटोक जाने की सोच रहे थे जानकारी लेने के क्रम में आपका ब्लाग पढा़ ,बहुत ही सुन्दर चित्रण व लेखनी ने आशंकाओं से घिरे मेरे मन में आत्मविश्वास जगा दिया है ।अपना अनुभव बांटने व हम जैसों के मार्ग दर्शन के लिए धन्यवाद ��
Deleteआपका धन्यवाद सोनू जी...... यही मेरा उद्देश्य है की जो मैंने अनुभव किया वोही लिखा और वो आप जैसे घूमने वाले लोगो के काम आ रहा है
DeleteChardham yatra 2021, Book tempo traveller for chardham yatra , we have luxury tempo traveller for chardham yatra
ReplyDeleteyou can rent,hire tempo traveller from gurgaon,delhi,noida,faridabad,ghaziabad best rate and services ~ JBL Tempo Traveller Rentals Delhi NCR
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