Written by → Ritesh Gupta
हमारी योजना आगरा से बरेली होते हुए सीधे भीमताल पर पहुँचने की थी, क्योंकि भीमताल पर हमने एक होटल पहले बुक करा रखा थे । वैसे हमारी योजना रात को दस बजे के आसपास कार से निकलने की थी पर एटा जिले के आसपास रात के खतरे को देखते हुए और अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने यह सफ़र रात के साढ़े तीन बजे (25 मई की अल-सुबह) आसपास आगरा से शुरू किया । करीब आधा घंटे में हम लोग राष्ट्रीय राजमार्ग-2 से होते हुए आगरा से 24 किमी० दूर टूंडला के फ्लाईओवर के नीचे पहुँच गए, यहाँ से हमने बाए तरफ के रास्ते को पकड़ा जो कि एटा शहर को जाने का रास्ता था ।
टूंडला से एटा की दूरी करीब 58 किमी० (SH-31) है और आगे का रास्ते की तो पूछो मत । चलो फिर भी बता देता हूँ, बहुत ही खराब हालात । यह एक लाइन का रास्ता था और जगह-जगह पर सड़क पर छोटे-बड़े गड्डे थे और जहाँ गड्डे नहीं थे, वहाँ पर सड़क भी समतल नहीं थी, मुझे लगा की जैसे सड़क में गड्डे नहीं बल्कि गड्डो में सड़क बना रखी हो । । कुछ किलोमीटर चलने के बाद रास्ते से गुजरते हुए अहसास हुआ की किसी चीज के टकराने आवाज गाड़ी के नीचे से आ रही है, थोड़ी से आबादी वाले क्षेत्र में रुक कर देखा तो पता चला की गाड़ी के इंजन के नीच प्लास्टिक का कवर एक तरफ से खुलकर सड़क से रगड़ खाता हुआ चला जा रहा है, उस कवर को अलग कर अपनी आगे की यात्रा को जारी रखा । रात के इस सफ़र के दौरान रास्ता बिल्कुल सुनसान था, न ही कोई गाड़ी आती दिख रही थी और न ही जाती । एक हम ही अकेले इस खराब से रास्ते से चले जा रहे थे, बिना किसी डर के । खैर धीमे गति से सड़कों के गड्डो बचते बचाते सवा पांच बजे के आसपास एटा पहुँच ही गए । वातावरण में सुबह की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी थी और दूर खेतों के बीच सुबह की धुधलिका की रौशनी नजर आ रही थी ।
एटा पहुँचने के बाद अब हमे कासगंज शहर से आगे होते हुए बढ़ना था । एटा से कासगंज की दूरी मिरेह्ची से होते हुए करीब 30 किमी० है । सुबह के समय शांत एटा शहर के मध्य दांये-बांये गुजरते हुए एटा-कासगंज मार्ग पर आ गए । यह रास्ता भी एक लाइन का है पर टूंडला-एटा वाले मार्ग से काफी बेहतर, समतल और अच्छी हालत बना हुआ है । करीब पौन घंटे में हम लोग कासगंज पहुँच गए, दिन निकल चुका था और कासगंज की सड़को पर लोग-बाग टहलते हुए और अपनी दिनचर्या में व्यस्त नजर आ रहे है । उस समय हम तो मुसाफिर थे और मुसाफिर का काम होता है चलते जाना । हम भी अपनी मंजिल पर चले जा रहे थे । आगे कासगंज से बुदायूँ की दूरी करीब 56 किमी० (SH-33) है । यह रास्ता भी एक लाइन का है पर समतल नहीं है जहाँ तहां गड्डे, रूकावट और जाम का सामना हो ही जाता है । कासगंज से करीब 15 किमी० आगे एक क़स्बा आया जिसका नाम है- सौरो । यह एक धार्मिक नगरी है, जिसका गंगा घाट पूर्वजो के तर्पण करने के लिए प्रसिद्ध है । यह प्रसिद्ध घाट सौरो लगभग 10 किमी० दूर है, और इसका नाम है कछला घाट । इसी मार्गपर बिना रुके चलते हुए गंगा नदी पर कछला घाट पर बने सड़क पुल को पार कर और उझानी नाम के कस्बे से होते हुए सवा घंटे के आसपास् हम लोग बुदायूँ पहुँच गए ।
हम लोगो चलते हुए काफी देर हो चुकी थी और हम लोग अभी तक रुके भी नहीं थे । सोचा कि किसी चाय वाले की दुकान पर या ढाबे पर रोक लेगे पर अभी तक रात का समय होने कारण ऐसा नहीं कर सके था । सुबह के सात बजे के आसपास बुदायूँ शहर भी जागने की कोशिश कर रहा था, पर दुकाने अभी खुली नहीं थी । शहर के मध्य दायें-बाए गुजरते हुए हम लोग शहर के बाहर बुदायूँ बरेली मार्ग पर आ गए । बुदायूँ से बरेली की दूरी 50 किमी० (SH-33) है । इस मार्ग से लगभग आठ किलोमीटर के बाद एक रेलवे लाइन क्रासिंग के पास एक ढाबा नजर आया तो हम लोगो ने यही पर कुछ देर ठहरने और चाय पीने के लिए रुक गए । बीस-पच्चीस मिनट यहाँ पर लगाए, चाय पी एक-एक समोसा खाया और अपनी अगली मंजिल बरेली की ओर निकल लिए, हालचाल में यह रास्ता भी पिछले रास्ते के तरह ही सा था ।
सुबह नौ बजे के करीब हम लोग बरेली पहुँच गए, दिन होने के साथ गर्मी भी बढ़ती जा रही थी । यहाँ पर शहर के अंदर हमारा साथ देने के लिए कुछ लोग एक टैक्सी के साथ एक होटल पर हमारा इन्तजार कर रहे थे । वहाँ पहुँचकर कुछ देर के लिए हम लोग रुक गए और टैक्सी चालक से आगे के रास्ते के बारे में बात करने लग गए । चूँकि टैक्सी के ड्राइवर बरेली का ही था तो उसने बताया की बरेली से हल्द्वानी की दूरी करीब 98किमी० (SH-37) है, पर यह हल्द्वानी मार्ग पर चौड़ीकरण काम चल रहा है और रास्ता अभी बहुत खराब है । उसने सलाह दी कि हम लोग रामपुर, बिलासपुर और रुद्रपुर होते हल्द्वानी पहुचेंगे । चूँकि यह रास्ता लंबा था पर अच्छा होने के कारण कुछ देर के बाद हम लोग दूसरे टैक्सी वाले को साथ लेकर रामपुर वाले रास्ते से अपना सफ़र जारी रखा । बरेली से रामपुर की दूरी (NH-24) करीब 60 किमी० है और बरेली से दिल्ली को जाता है । यह रास्ता काफी अच्छा और चारलाइन का था । जल्द ही रामपुर पहुँचने के बाद रुद्रपुर वाले मार्ग का रुख किया । रामपुर से बिलासपुर होते हुए रुद्रपुर की दूरी करीब 52किमी० (NH-87) हैं । यह रास्ता एकलाइन का है पर समतल और काफी बढ़िया रास्ता है ।
रुद्रपुर से कुछ किमी० पहले हम लोग सड़क किनारे एक फ्लोरा रिसोर्ट नाम के एक रेस्तरा में नाश्ता करने के लिए रुके । यह रेस्तरा काफी सुन्दर बगीचे, घास का लॉन और फूल-पौधों सजा-धजा हुआ था और यहाँ आने वालो को काफी आकर्षित करता है । बगीचों के बीच में घास-फूस से बने एक छोटी से झोपड़ीनुमा के अंदर बैठ कर नाश्ता-पानी किया । नाश्ता-पानी करने बाद करीब पौन बजे फिर सफ़र को जारी रखते हुए रुद्रपुर शहर को पार किया । रुद्रुपुर से हल्द्वानी की दूरी करीब 32 किमी० है, यह रास्ता भी एक लाइन का पर हल्द्वानी पहुँचते-पहुँचते पेड़-पौधे के खूबसूरत जंगल से बीच से गुजरता है । सवा बजे के आसपास हल्द्वानी पहुँच गए, हम लोग भी बिना रुके इस यात्रा के अंतिम बिंदु भीमताल के लिए अपने इस सफ़र को जारी रखा । हल्द्वानी से भीमताल की दूरी लगभग 26 किमी० और विश्व प्रसिद्ध नैनीताल 32किमी० है। हल्द्वानी से राष्ट्रीय राजमार्ग-87(नैनीताल को) से कुछ किलोमीटर के काठगोदाम निकलने के बाद मैदानी इलाका छोड़ पहाड़ी इलाके में प्रवेश कर गए । अब पहाड़ की चढ़ाई होना शुरू हो गयी थी और रास्ते भी घुमावदार आने लगे थे । नैनीताल वाले रास्ते पर चलते हुए एक जगह पर भीमताल का मोड़ नजर आया बस उसी रास्ते पर चल दिए । यह पहाड़ी रास्ता काफी खूबसूरत था और ज्यो-ज्यो भीमताल के करीब जाते जा रहे थे, ठंडी हवा के झोके हमे सहला रहे थे । इस प्रकार करीब दो बजे के आसपास हम लोगो ने आगरा से भीमताल तक अपना यह सफर पूरा किया और भीमताल पहुँच गए ।
1. Total 388Km Journey from Agra to Bhimtal (Route Chart)
AGRA → 24 KM → TUNDLA → 58 KM. → ETAH via Mirhechi → 30 KM → KASGANJ → 56 KM → BUDAUN → 50 KM → BAREILLY → 60 KM → RAMPUR Via Bilaspur → 52 KM → RUDRAPUR → 32 KM → HALDWANI → 26 → BHIMTAL ( or BAREILLY → 98 KM → HALDWANI → 26 → BHIMTAL )
अब आपके लिए प्रस्तुत है, इस यात्रा के दौरान खींचे गए कुछ चित्रों का संकलन →
इस लेख अब यही विराम देते है और आशा करता हूँ आपको यह लेख पसंद आया होगा । जल्द ही मिलते है इस भीमताल की यात्रा आगे वर्णन के साथ । किसी भी प्रकार की त्रुटि और भूल-चूक के लिये क्षमा प्रार्थी रहूँगा । धन्यवाद !
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भीमताल-नैनीताल से श्रृंखला के लेखो की सूची :
1. आगरा से भीमताल वाया बरेली (Agra to Bhimtal Via Bareilly → Road Review )
2. प्रकृति से एक मुलाक़ात → भीमताल भ्रमण (Bhimtal Lake in Nainital Region)
3. नौकुचियाताल → प्रकृति का स्पर्श (NaukuchiyaTal Lake in Nainital Region )
4. नैनीताल दर्शन → (A Quick Tour to Lake City, Nainital)
5. श्री अहिक्षेत्र अतिशय तीर्थ क्षेत्र दिगम्बर जैन मंदिर, रामनगर गाँव, आमला, बरेली (Parshvnath Jain Temple)
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नैनीताल का सफ़र मैं पहले भी कर चुका हूँ और इसके बारे सम्पूर्ण यात्रा वृतांत "सफ़र कुमाऊँ का" नाम की श्रृंखला के माध्यम से इसी ब्लॉग पर लिख चुका हूँ । विगत दिनों सौभाग्य से मुझे, फिर से अपने ऑफिस के मित्रों के नैनीताल क्षेत्र की यात्रा मौका मिला । इस पोस्ट के यात्रा वृतांत के माध्यम से आप भी चलिए मेरे साथ इस यात्रा पर, पर संभल कर कही खो न जाना इस सफ़र पर ।
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Amazing Bhimtal Lake with its Island (खूबसूरत भीमताल अपने एक छोटे से टापू के साथ ) |
हमारी योजना आगरा से बरेली होते हुए सीधे भीमताल पर पहुँचने की थी, क्योंकि भीमताल पर हमने एक होटल पहले बुक करा रखा थे । वैसे हमारी योजना रात को दस बजे के आसपास कार से निकलने की थी पर एटा जिले के आसपास रात के खतरे को देखते हुए और अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने यह सफ़र रात के साढ़े तीन बजे (25 मई की अल-सुबह) आसपास आगरा से शुरू किया । करीब आधा घंटे में हम लोग राष्ट्रीय राजमार्ग-2 से होते हुए आगरा से 24 किमी० दूर टूंडला के फ्लाईओवर के नीचे पहुँच गए, यहाँ से हमने बाए तरफ के रास्ते को पकड़ा जो कि एटा शहर को जाने का रास्ता था ।
टूंडला से एटा की दूरी करीब 58 किमी० (SH-31) है और आगे का रास्ते की तो पूछो मत । चलो फिर भी बता देता हूँ, बहुत ही खराब हालात । यह एक लाइन का रास्ता था और जगह-जगह पर सड़क पर छोटे-बड़े गड्डे थे और जहाँ गड्डे नहीं थे, वहाँ पर सड़क भी समतल नहीं थी, मुझे लगा की जैसे सड़क में गड्डे नहीं बल्कि गड्डो में सड़क बना रखी हो । । कुछ किलोमीटर चलने के बाद रास्ते से गुजरते हुए अहसास हुआ की किसी चीज के टकराने आवाज गाड़ी के नीचे से आ रही है, थोड़ी से आबादी वाले क्षेत्र में रुक कर देखा तो पता चला की गाड़ी के इंजन के नीच प्लास्टिक का कवर एक तरफ से खुलकर सड़क से रगड़ खाता हुआ चला जा रहा है, उस कवर को अलग कर अपनी आगे की यात्रा को जारी रखा । रात के इस सफ़र के दौरान रास्ता बिल्कुल सुनसान था, न ही कोई गाड़ी आती दिख रही थी और न ही जाती । एक हम ही अकेले इस खराब से रास्ते से चले जा रहे थे, बिना किसी डर के । खैर धीमे गति से सड़कों के गड्डो बचते बचाते सवा पांच बजे के आसपास एटा पहुँच ही गए । वातावरण में सुबह की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी थी और दूर खेतों के बीच सुबह की धुधलिका की रौशनी नजर आ रही थी ।
एटा पहुँचने के बाद अब हमे कासगंज शहर से आगे होते हुए बढ़ना था । एटा से कासगंज की दूरी मिरेह्ची से होते हुए करीब 30 किमी० है । सुबह के समय शांत एटा शहर के मध्य दांये-बांये गुजरते हुए एटा-कासगंज मार्ग पर आ गए । यह रास्ता भी एक लाइन का है पर टूंडला-एटा वाले मार्ग से काफी बेहतर, समतल और अच्छी हालत बना हुआ है । करीब पौन घंटे में हम लोग कासगंज पहुँच गए, दिन निकल चुका था और कासगंज की सड़को पर लोग-बाग टहलते हुए और अपनी दिनचर्या में व्यस्त नजर आ रहे है । उस समय हम तो मुसाफिर थे और मुसाफिर का काम होता है चलते जाना । हम भी अपनी मंजिल पर चले जा रहे थे । आगे कासगंज से बुदायूँ की दूरी करीब 56 किमी० (SH-33) है । यह रास्ता भी एक लाइन का है पर समतल नहीं है जहाँ तहां गड्डे, रूकावट और जाम का सामना हो ही जाता है । कासगंज से करीब 15 किमी० आगे एक क़स्बा आया जिसका नाम है- सौरो । यह एक धार्मिक नगरी है, जिसका गंगा घाट पूर्वजो के तर्पण करने के लिए प्रसिद्ध है । यह प्रसिद्ध घाट सौरो लगभग 10 किमी० दूर है, और इसका नाम है कछला घाट । इसी मार्गपर बिना रुके चलते हुए गंगा नदी पर कछला घाट पर बने सड़क पुल को पार कर और उझानी नाम के कस्बे से होते हुए सवा घंटे के आसपास् हम लोग बुदायूँ पहुँच गए ।
हम लोगो चलते हुए काफी देर हो चुकी थी और हम लोग अभी तक रुके भी नहीं थे । सोचा कि किसी चाय वाले की दुकान पर या ढाबे पर रोक लेगे पर अभी तक रात का समय होने कारण ऐसा नहीं कर सके था । सुबह के सात बजे के आसपास बुदायूँ शहर भी जागने की कोशिश कर रहा था, पर दुकाने अभी खुली नहीं थी । शहर के मध्य दायें-बाए गुजरते हुए हम लोग शहर के बाहर बुदायूँ बरेली मार्ग पर आ गए । बुदायूँ से बरेली की दूरी 50 किमी० (SH-33) है । इस मार्ग से लगभग आठ किलोमीटर के बाद एक रेलवे लाइन क्रासिंग के पास एक ढाबा नजर आया तो हम लोगो ने यही पर कुछ देर ठहरने और चाय पीने के लिए रुक गए । बीस-पच्चीस मिनट यहाँ पर लगाए, चाय पी एक-एक समोसा खाया और अपनी अगली मंजिल बरेली की ओर निकल लिए, हालचाल में यह रास्ता भी पिछले रास्ते के तरह ही सा था ।
सुबह नौ बजे के करीब हम लोग बरेली पहुँच गए, दिन होने के साथ गर्मी भी बढ़ती जा रही थी । यहाँ पर शहर के अंदर हमारा साथ देने के लिए कुछ लोग एक टैक्सी के साथ एक होटल पर हमारा इन्तजार कर रहे थे । वहाँ पहुँचकर कुछ देर के लिए हम लोग रुक गए और टैक्सी चालक से आगे के रास्ते के बारे में बात करने लग गए । चूँकि टैक्सी के ड्राइवर बरेली का ही था तो उसने बताया की बरेली से हल्द्वानी की दूरी करीब 98किमी० (SH-37) है, पर यह हल्द्वानी मार्ग पर चौड़ीकरण काम चल रहा है और रास्ता अभी बहुत खराब है । उसने सलाह दी कि हम लोग रामपुर, बिलासपुर और रुद्रपुर होते हल्द्वानी पहुचेंगे । चूँकि यह रास्ता लंबा था पर अच्छा होने के कारण कुछ देर के बाद हम लोग दूसरे टैक्सी वाले को साथ लेकर रामपुर वाले रास्ते से अपना सफ़र जारी रखा । बरेली से रामपुर की दूरी (NH-24) करीब 60 किमी० है और बरेली से दिल्ली को जाता है । यह रास्ता काफी अच्छा और चारलाइन का था । जल्द ही रामपुर पहुँचने के बाद रुद्रपुर वाले मार्ग का रुख किया । रामपुर से बिलासपुर होते हुए रुद्रपुर की दूरी करीब 52किमी० (NH-87) हैं । यह रास्ता एकलाइन का है पर समतल और काफी बढ़िया रास्ता है ।
रुद्रपुर से कुछ किमी० पहले हम लोग सड़क किनारे एक फ्लोरा रिसोर्ट नाम के एक रेस्तरा में नाश्ता करने के लिए रुके । यह रेस्तरा काफी सुन्दर बगीचे, घास का लॉन और फूल-पौधों सजा-धजा हुआ था और यहाँ आने वालो को काफी आकर्षित करता है । बगीचों के बीच में घास-फूस से बने एक छोटी से झोपड़ीनुमा के अंदर बैठ कर नाश्ता-पानी किया । नाश्ता-पानी करने बाद करीब पौन बजे फिर सफ़र को जारी रखते हुए रुद्रपुर शहर को पार किया । रुद्रुपुर से हल्द्वानी की दूरी करीब 32 किमी० है, यह रास्ता भी एक लाइन का पर हल्द्वानी पहुँचते-पहुँचते पेड़-पौधे के खूबसूरत जंगल से बीच से गुजरता है । सवा बजे के आसपास हल्द्वानी पहुँच गए, हम लोग भी बिना रुके इस यात्रा के अंतिम बिंदु भीमताल के लिए अपने इस सफ़र को जारी रखा । हल्द्वानी से भीमताल की दूरी लगभग 26 किमी० और विश्व प्रसिद्ध नैनीताल 32किमी० है। हल्द्वानी से राष्ट्रीय राजमार्ग-87(नैनीताल को) से कुछ किलोमीटर के काठगोदाम निकलने के बाद मैदानी इलाका छोड़ पहाड़ी इलाके में प्रवेश कर गए । अब पहाड़ की चढ़ाई होना शुरू हो गयी थी और रास्ते भी घुमावदार आने लगे थे । नैनीताल वाले रास्ते पर चलते हुए एक जगह पर भीमताल का मोड़ नजर आया बस उसी रास्ते पर चल दिए । यह पहाड़ी रास्ता काफी खूबसूरत था और ज्यो-ज्यो भीमताल के करीब जाते जा रहे थे, ठंडी हवा के झोके हमे सहला रहे थे । इस प्रकार करीब दो बजे के आसपास हम लोगो ने आगरा से भीमताल तक अपना यह सफर पूरा किया और भीमताल पहुँच गए ।
1. Total 388Km Journey from Agra to Bhimtal (Route Chart)
AGRA → 24 KM → TUNDLA → 58 KM. → ETAH via Mirhechi → 30 KM → KASGANJ → 56 KM → BUDAUN → 50 KM → BAREILLY → 60 KM → RAMPUR Via Bilaspur → 52 KM → RUDRAPUR → 32 KM → HALDWANI → 26 → BHIMTAL ( or BAREILLY → 98 KM → HALDWANI → 26 → BHIMTAL )
अब आपके लिए प्रस्तुत है, इस यात्रा के दौरान खींचे गए कुछ चित्रों का संकलन →
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बुदायूँ शहर से आगे एक रेलवे क्रोसिंग के ढाबे के पास (A Railway Crossing Near Budaun ) |
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रेलवे क्रोसिंग के ढाबे के पास सड़क की स्थिति ( Road Condition near Railway Crossing) |
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AyubKhan Crossing, Bareilly (अयूब खान चौक , बरेली ) |
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Market near AyubKhan Crossing, Bareilly (अयूब खान चौक के पास का बाजार , बरेली ) |
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रास्ते में पढ़ने वाला फ्लोरा रिसोर्ट रेस्टोरेन्ट (Beautiful Landscaping at Flora Resort Near Rudrapur) |
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रास्ते में पढ़ने वाला फ्लोरा रिसोर्ट रेस्टोरेन्ट (Beautiful Landscaping at Flora Resort Near Rudrapur) |
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हल्द्वानी की बाद रास्ते में दिखते सुन्दर पहाड़ के नजारे (Beautiful Mountain view on the way Bhimtal) |
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रास्ते में दिखते सुन्दर नजारे (Beautiful view on the way Bhimtal) |
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(Beautiful view on the way Bhimtal) |
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लो पहुँच गए भीमताल ( Bhimtal Distt. Nainital, Uttrakhand) |
Scenic View of Bhimtal Lake from Hotel ( अपने एक टापू के साथ भीमताल झील ) |
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भीमताल-नैनीताल से श्रृंखला के लेखो की सूची :
1. आगरा से भीमताल वाया बरेली (Agra to Bhimtal Via Bareilly → Road Review )
2. प्रकृति से एक मुलाक़ात → भीमताल भ्रमण (Bhimtal Lake in Nainital Region)
3. नौकुचियाताल → प्रकृति का स्पर्श (NaukuchiyaTal Lake in Nainital Region )
4. नैनीताल दर्शन → (A Quick Tour to Lake City, Nainital)
5. श्री अहिक्षेत्र अतिशय तीर्थ क्षेत्र दिगम्बर जैन मंदिर, रामनगर गाँव, आमला, बरेली (Parshvnath Jain Temple)
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बहुत सुन्दर यात्रा वृतांत
ReplyDeleteटिप्पणी के धन्यवाद योगी जी
Deleteबहुत ही सुन्दर वर्णन है --मैंने भीमताल नहीं देखा ,जल्दी मैं भी दोबारा नैनीताल की सैर करुँगी
ReplyDeleteधन्यवाद दर्शन जी.... जल्द ही भीमताल देखियेगा ....
Deletenice... :)
ReplyDeleteThanks :)
DeleteNice post
ReplyDeleteThanks Harshita ji ...
Deleteबहुत सुंदर यात्रा विवरण एवं तस्वीरें .
ReplyDeleteटिप्पणी के लिए आपका शुक्रिया राकेश जी ..... :)
Deleteतस्वीरें बढ़ी शानदार .. और खुबसूरत प्रस्तुति ..
ReplyDeleteटिप्पणी के लिए शुक्रिया ....भार्गव जी
Deleteरोचक यात्रा वृतांत...
ReplyDeleteधन्यवाद कैलाश जी
Deletemazaa aa gayaa......
ReplyDeleteमुकेश जी...... टिप्पणी के लिए शुक्रिया....
Deleteb'ful photos.. .some of your links are not working... for example jageshwar
ReplyDeleteTiwari ji
DeleteThanks for your Comment. Which link are not working? please tell me location?
ReplyDeleteAdventure Camp In Bhimtal Comment Thanks for sharing good information !
Bhimtal is lovely place for holidays, its a beauty land in India. You have shared lovely pictures. I really thankful to you for sharing information about Bhimtal. keep posting more about Bhimtal attractions.
ReplyDeleteAccommodation in Bhimtal
रीतेश भाई बढिया पोस्ट,
ReplyDeleteधन्यवाद सचिन जी.....
Deleteinsaan bhi kahan kahan ghar ban leta, jab aap agali baar jayege to bheel taal ka poora ka poora en-catchment, apartments se ghira hoga.
ReplyDeleteइसमें कोई दो राय नहीं है... विक्रम जी ... विकास आड़ में प्रकृति का अक्सर विनाश ही होता है |
Deleteकमेंट के लिए शुक्रिया...
It is looking such a creative blog and you are explained your blog in details, which is very easy to understandable and also helpful for all. I have no words for say i just say thanks because it is helpful for me! Thanks by travel agent in Delhi
ReplyDeleteПроживание в собственном доме вдали от городской суеты – осознанный выбор многих людей. К этому решению часто приходят из-за таких ярких преимуществ, как: собственный сад, организованная зона барбекю, комфортная детская площадка на свежем воздухе, индивидуальное парковочное место silikat18. Поэтому построить свой собственный дом, но при этом по-настоящему уютный и функциональный – важный жизненный этап любой семьи.
ReplyDeleteBohot accha nahi pata tha mujha
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